‘छोटी’ लिखने पर एक अभ्यर्थी को 0, दूसरा पास, पेज पर क्राॅस लगाने पर 1 अभ्यर्थी फेल, दूसरा पास

साल 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने एसएससी पर टिप्पणी करते हुए कहा था-ऐसा लगता है कि समूची परीक्षा और प्रणाली दागदार है। यह टिप्पणी सीएचएसएल टियर-2 2018 में दिए 4560 छात्रों को अनफेयर मिंस (यूएफएम) देकर फेल करने के मामले में भी प्रासंगिक लगती है। दैनिक भास्कर को मिली छात्रों की उत्तर पुस्तिकाओं के अध्ययन के बाद पूरे एग्जाम सिस्टम पर कई सवाल खड़े होते हैं। जिन 4560 छात्रों को छोटी, पता लिखने और कांट-छांट पर यूएफएम दिया गया, ऐसे ही गलतियों पर कई छात्रों को पास कर दिया गया है। एसएससी ने इन्हीं हूबहू गलतियों को यूएफएम के दायरे में नहीं माना। 16 अप्रैल को एसएससी ने पब्लिक नोटिस मेंे दावा किया था कि 36,112 में से 4,560 उम्मीदवारों को अनुचित साधनों (यूएफएम) के आधार पर अयोग्य करार दिया गया। बाकी सभी छात्रों ने यूएफएम नियम की पालना की है। जबकि हकीकत इससे अलग है।

एसएससी का सबसे बड़ा झूठ: छात्रों की उत्तर पुस्तिकाएं देखने से पता चलता है कि एसएससी ने यूएफएम देने में किस तरह से गड़बड़ी की है

1. बिहार के बेगूसराय के छात्र प्रिंस कुमार को एग्जाम में 100 में से 76 मार्क्स मिले थे, लेकिन ‘छोटी’ लिखने पर इन्हें यूएफएम दे दिया गया था। अच्छे मार्क्स के बाद भी यह फेल हो गए।

भेदभाव : अब ऐसे ही एक अभ्यर्थी की उत्तर पुस्तिका देखिए। इन्हें 100 में से 58 अंक ही मिले हैं। इन्होंने भी पत्र लेखन में ‘छोटी’ लिखा है, लेकिन इन्हें फेल नहीं किया गया। क्यों?

2. छात्र धर्मेश कुमार की उत्तर पुस्तिका देखिए। इन्हें एग्जाम में 100 में से 66 मार्क्स मिले हैं। लेकिन, इन्होंने इनसे एक गलती हो गई। इन्होंने पत्र लेखन में एक पन्ने पर गलत पता लिखा गया था, इन्होंने उस पेज पर क्रॉस लगा दिया और अगले पन्ने पर सही पता लिख दिया। लेकिन, एसएससी ने इसे यूएफएम मान छात्र को फेल कर दिया।

भेदभाव : अब एक छात्र की उत्तर पुस्तिका देखिए। इन्हें 100 में से 48 अंक मिले हैं। इन्होंने कॉपी में एक पन्ने पर रफ वर्क किया और बाद में उस पर क्रॉस लगा दिया। हैरानी यह है कि एसएससी ने इस मामले को यूएफएम के दायरे में ही नहीं माना। सवाल यह है कि एक ही गलती पर दो-दो नियम कैसे लागू हो सकते हैं।
3. इस छात्र को 100 में से 58 मार्क्स मिले थे। इससे बस एक मानवीय भूल हो गई। सवाल में था कि अपने भाई नमन को पत्र लिखना है। लेकिन, पत्र लेखन में अभ्यर्थी से मानवीय भूल की वजह से रमन लिखा गया। एसएससी ने इसे यूएफएम केस मानते हुए इसे फेल कर दिया।

भेदभाव : इस छात्र ने 100 में से 36 मार्क्स मिले हैं। सवाल में नई दिल्ली के पिन कोड 110003 लिखे हुए थे। यानी छात्र को जवाब में यही लिखने थे, लेकिन इस छात्र ने पिन-कोड 110023 ही लिखे। एसएससी ने इसे मानवीय भूल मानते हुए यूएफएम केस नहीं दिया।



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ैनिक भास्कर के पास इन सभी छात्रों की आरटीआई में मांगी गई उत्तर पुस्तिकाएं हैं। यह महज कुछ उदाहरण हैं।


source https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/sikar/news/on-writing-chhoti-one-candidate-gets-0-second-pass-1-candidate-fails-second-pass-on-the-cross-on-the-page-127354162.html

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