तृतीय श्रेणी शिक्षक की प्रमोशन सूची में पात्रों के नाम गायब, अपात्रों के जोड़े
सरकार शिक्षा विभाग को नित नए प्रयोगों से भले ही हाईटेक बनाने का प्रयास कर रही है। लेकिन उसके अपने ही कारिंदे लगातार विभाग की छवि को पलीता लगाने में जुटे हुए हैं। ताजा मामले में संयुक्त निदेशक भरतपुर की ओर से हाल ही में जारी की गई थर्ड से सेकंड ग्रेड पदोन्नति की स्थाई वरीयता सूची में व्यापक स्तर पर गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। सूची में कई ऐसे शिक्षकों के नाम हैं, जो व्यख्याता बन चुके हैं वहीं कई को विभाग की ओर से 4-5 साल पहले वरिष्ठ अध्यापकों के रूप में पदोन्नत किया जा चुका है। जबकि तमाम योग्यताधारी शिक्षकों द्वारा बार-बार संबंधित शिक्षा अधिकारी कार्यालयों में दस्तावेज सबमिट करने के बाद भी उनके नाम नहीं जोड़े जाते हैं और उनको पदोन्नति से वंचित होना पड़ता है। इस सबके बावजूद शिक्षा विभाग के अधिकारी इन खामियों को दूर करने की बजाय इन पर पर्दा डालने के प्रयास में लगे हुए हैं। बता दें कि संयक्त निदेशक स्कूल शिक्षा कार्यालय भरतपुर की ओर से पदोन्नति देने के लिए संभाग के करीब ढाई हजार शिक्षकों की स्थाई पात्रता सूची जारी कर डीईओ व सीबीईओ के माध्यम से एसीआर मांगी है। इनमें से करीब आधे शिक्षकों के वरिष्ठ अध्यापक के रूप में पदोन्नत होने की उम्मीद है। स्थाई पात्रता सूची में धौलपुर जिले के 500 के करीब शिक्षकों के नाम शामिल हैं।
राजस्थान शिक्षक एवं पंचायती राज कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष राजेश शर्मा ने शिक्षामंत्री एवं निदेशक माध्यमिक शिक्षा को वरिष्ठ अध्यापक प्रमोशन सूची में पात्र शिक्षकों के नाम न जोड़कर लेक्चरर, वरिष्ठ अध्यापकों के पुनः नाम शामिल कर उनकी पदोन्नति करने की शिकायत भेजी है। संघ ने सरकार से डीपीसी से पहले एक बार भरतपुर संभाग की इन सूचियों की जांच कराकर गलत लोगों के नाम हटवाकर, पात्र लोगों के नाम शामिल करने का एक अवसर पुनः प्रदान कर, जिम्मेदारों की जवाबदेही तय कर गड़बड़ी बरतने वालों के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही की मांग की है।
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source https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/bharatpur/dholpur/news/names-of-characters-missing-pairs-of-ineligible-in-promotion-list-of-third-grade-teacher-127358796.html
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