एमसीएच वार्ड को बनाया आइसोलेशन, सचिव के आदेश के बाद भी नहीं बदला

जैसलमेर के जवाहर अस्पताल में स्थित एमसीएच वार्ड को आनन फानन में कोरोना के लए आइसोलेशन वार्ड में तब्दील कर दिया। हालांकि चिकित्सा विभाग के उच्चाधिकारियों द्वारा ऐसे कोई निर्देश नहीं दिए गए लेकिन जैसलमेर के जिम्मेदारों ने एमसीएच वार्ड को आइसोलेशन वार्ड में बदल दिया। इसके बाद एमसीएच वार्ड में भर्ती प्रसूताओं को अलग अलग जगह शिफ्ट किया गया। इससे प्रसूताओं की परेशानी बढ़ गई है।
हालांकि फिलहाल जवाहर अस्पताल में एमसीएच को बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में एक भी संदिग्ध व पॉजिटिव केस नहीं है।

इसके साथ ही चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के विशिष्ट शासन सचिव द्वारा करीब 15 दिन पहले आइसोलेशन वार्ड को वापस एमसीएच यूनिट में बदलकर सुचारू व्यवस्था करने के लिए निर्देशित किया है, लेकिन इसके बावजूद आइसाेलेशन को वहां से नहीं बदला गया है। जबकि इस भीषण गर्मी में प्रसूताओं को खासी परेशानियों का सामनाकरना पड़ रहा है।
कोरोना संदिग्धों की संख्या बढ़ी तो यहां रखे जाएंगे

जैसलमेर में माहेश्वरी अस्पताल में 50, किसान भवन में 60 तथा माहेश्वरी धर्मशाला में 25 बैड के आइसोलेशन वार्ड बनाए गए है। सबसे पहले इन जगहों पर संदिग्ध व पॉजिटिव को रखा जा रहा है। इन सभी जगहाें पर बैड फुल होने के बाद ही जवाहर अस्पताल स्थित आइसोलेशन वार्ड में संदिग्ध व पॉजिटिव मरीजों को रखा जाएगा, लेकिन फिलहाल जवाहर अस्पताल में एक भी संदिग्ध व पाॅजिटिव केस नहीं है।

प्रसूताओं को सर्वाधिक परेशानी
अधिकारियों द्वारा जवाहर अस्पताल में एमसीएच वार्ड को हटाकर आइसोलेशन बनाया गया है, जबकि पहले अाइसाेलेशन वार्ड अलग से बनाया गया था। एमसीएच वार्ड को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील करने से प्रसूताआें को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

फिलहाल प्रसूताओं को रिहैबिलिटेशन सेंटर में रखा जा रहा है। जहां ना तो कूलर की सुविधा है और न ही पेयजल की। अससे प्रसूताओं के साथ इस गर्मी के मौसम में परिजनों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

3 जिलों में राज्यस्तरीय निर्देश नहीं माने
चिकित्सा स्वास्थ्य के विशिष्ट शासन सचिव ने गत 13 मई को पत्र जारी कर नियम विरूद्ध एमसीएच विंग की सेवाओं को सुचारू करने के निर्देश दिए है। उस पत्र में स्पष्ट लिखा है कि मातृ मृत्यु दर तथा शिशु मृत्यु दर को कम करना एमएचएम की सर्वाधिक प्राथमिकताओं में से एक है।

इसके साथ ही जैसलमेर, अलवर व टोंक में एमसीएच वार्ड को बदलकर आइसोलेशन व जनरल वार्ड बनाया गया है,जो राज्य स्तरीय दिशा निर्देशों के विपरीत है। इन्हें जल्द से जल्द पहले की तरह ही एमसीएच यूनिट संचालित करने के लिए निर्देशित किया गया है, लेकिन इसके बावजूद आइसोलेशन वार्ड को एमसीएच यूनिट में नहीं बदला गया है।

  • हम लोग पिछले चार दिन से गांव से यहां आकर रह रहे है। एमसीएच वार्ड को रिहैबिलिटेशन सेंटर में चलाया जा रहा है । इस गर्मी के मौसम में हमे तो परेशानी होती ही है लेकिन प्रसूता को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। किसी को कुछ कहते है तो भी सुनवाई नहीं हो रही है।

- विक्रमसिंह, परिजन

  • जवाहर अस्पताल में एमसीएच को आइसोलेशन में तब्दील किया गया है। इसके साथ ही माहेेश्वरी हॉस्पीटल, किसान भवन व माहेश्वरी धर्मशाला में भी बैड रिजर्व रखे गए है। वहां बैड फुल होने की स्थिति में जवाहर अस्पताल में संदिग्ध व पॉजिटिव को रखा जाएगा। एमसीएच यूनिट में आइसोलेशन वार्ड यथावत रखने के लिए राज्य स्तर पर निवेदन किया गया है। -डॉ. बी.एल. बुनकर, पीएमओ


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MCH ward made isolation, not changed even after secretary's order


source https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/barmer/jaisalmer/news/mch-ward-made-isolation-not-changed-even-after-secretarys-order-127358815.html

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