किसान आंदोलन में छात्र नेता की हार्ट अटैक से मौत कोरोना पॉजिटिव आने के बाद महापड़ाव स्थगित, 50 किसान नेताओं पर मुकदमा दर्ज

डिस्कॉम एमडी ऑफिस के आगे महापड़ाव के लिए विभिन्न गांवों से रवाना हुए किसानों के माणकलाव पड़ाव में शुक्रवार देर रात मांडियाई निवासी युवा किसान पुखराज पुत्र तेजाराम डोगीयाल की मौत हो गई। 22 वर्षीय डोगीयाल की तबीयत बिगड़ने पर जोधपुर एमडीएम अस्पताल ले गए लेकिन वहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

इसके बाद उनकी कोरोना जांच कराई गई। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद किसान संघ ने महापड़ाव स्थगित कर दिया। किसान अपने अपने गांव चले गए। मौत की जानकारी मिलते ही सुबह पड़ाव स्थल पर किसानों में शोक की लहर छा गई। पुलिस ने प्रदर्शन तेज होने व किसानों की संख्या बढ़ने की आशंका पर मथानिया बाइपास को बेरिकेड्स लगाकर बन्द कर दिया।

इसी बीच किसानों ने मृतक की आत्मा की शांति के लिए वहीं पर 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी। इसके थोड़ी देर बाद किसान नेता नरेश व्यास, माणकराम परिहार व विनोद डागा ने धरना प्रदर्शन स्थगित करके किसानों से घर जाने की अपील की। इसके बाद किसान अपने अपने गांव चले गए।

मृतक छात्र नेता व किसान पुखराज पिछले एक माह से किसानों की मांगों के लेकर चल रहे आंदोलनों में भाग ले रहे थे। भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष नरेश व्यास और प्रदेश उपाध्यक्ष माणकलाल परिहार ने कहा कि धरने के दौरान तबीयत बिगड़़ने से पुखराज की हुई मृत्यु दुःखद है। किसान संघ उनके परिवार के साथ खड़ा है।

सरकार की असंवेदनशीलता के चलते पहले ही उनकी जान गई है। पहले क्षेत्र में किसानों ने आत्महत्या की है और अब सरकार की हठधर्मिता से धरने के दौरान तबीयत बिगड़ने से किसान की मृत्यु हुई है। प्रदेश उपाध्यक्ष ने बताया कि आंदोलन स्थगित किया है लेकिन कृषि विद्युत बिल जमा नहीं करवाएंगे। एसीपी राजेंद्र प्रसाद दिवाकर ने बताया कि मृतक का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराया जाएगा।

परिजनों को कोरोना पर संदेह, एम्स से नई जांच की मांग, नहीं उठाया शव

परिजन दिन भर मोर्चरी के बाहर, कोई अधिकारी मिलने नहीं आया

किसानों व परिजनों ने मृतक के कोरोना पॉजिटिव आने पर संदेह व्यक्त किया है। उनका कहना है कि प्रशासन ने सरकार के दबाव में कोरोना की पॉजिटिव रिपोर्ट बताकर आंदोलन को दबाया है। परिजनों ने कलेक्टर को लिखित में शिकायत कर एम्स से कोरोना का नया टेस्ट कराने की मांग की। वे नई जांच के बाद ही शव उठाने के लिए अड़े हुए हैं।

शनिवार पूरे दिन अस्पताल की मोर्चरी के बाहर धरने पर बैठे हैं। उनके साथ ओसियां के पूर्व विधायक भैराराम सियोल भी हैं। रात 11 बजे तक कोरोना की दूसरी जांच को लेकर प्रशासन की ओर से कोई संकेत नहीं मिला था। पूर्व विधायक भैराराम सियोल ने कहा कि सरकार और अधिकारी कितने संवदेनहीन है। मृत किसान के परिजन सुबह से यहां बैठे हैं, प्रशासन के किसी अधिकारी ने उनकी सुध नहीं ली है। वे कोरोना की नई जांच कराने का लिखित में भी देकर आ गए थे।

माता-पिता हुए बेसुध, दो भाई सैनिक
मृतक के पिता तेजाराम बेटे की मौत की सूचना सुनकर बेसुध से हो गए हैं। यही स्थिति उनकी मां की है। विलाप करते हुए कहा कि भगवान ने मुझे ऐसा दर्द दे दिया है, जिसको मरते दम तक नहीं भूल पाऊंगा। बेटे के कंधे पर मेरी अर्थी जानी चाहिए थी, लेकिन यहां ईश्वर ने उल्टा कर दिया। आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। जैसे ही सुबह इन्हें पुत्र के मौत की खबर मिली मानो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई हो।

मां अनोपी देवी को दूसरे परिजनों ने संभाला। दोनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। वहीं, डोगीयल की असामयिक मौत ने परिवार सहित पूरे गांव को झकझोर दिया। मृतक पुखराज के तीन भाई हैं। इनमें दो सैनिक है। पुखराज सबसे छोटे थे और बीए तक पढ़ाई करने के बाद और माता पिता के साथ ही रहते थे। खेती करने लगे।

50 किसान नेताओं के खिलाफ केस
पुलिस ने करवड़ व मथानिया थाने में 50 किसान नेताओं पर कोरोना गाइडलाइन की पालना नहीं करके भीड़ एकत्र करने पर केस दर्ज किया है। करवड़ थानाधिकारी भारत रावत ने बताया कि 26 अगस्त की शाम भारी संख्या में किसान माणकलाव बाइपास पहुंचे थे। कोरोना को देखते हुए रैली व धरना पर पाबंदी है।

तिंवरी निवासी प्रेम पुत्र माणकराम परिहार व रामपुरा निवासी सावंरराम सहित 23 जनों को नामजद किया गया है। दूसरी ओर मथानिया थानाधिकारी गौतम डोटासरा ने बताया कि किसान स्टेट हाइवे पर एकत्रित हुए थे। जिस पर बालरवां निवासी चावण्डाराम परिहार व रामपुरा निवासी गोरधनराम सिहाग को नोटिस देकर तामिल करवाया गया। धरने पर जमा हुए गोपीराम जाजड़ा. हनुमानराम विश्नोई सहित कुल 27 व्यक्तियों की पहचानकर नामजद किया गया। अन्य लोगों की पहचान की जा रही है।

ओसियां के पूर्व विधायक सियोल ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

आश्रित को नौकरी व आर्थिक मदद दे राज्य सरकार: सियोल

मांडियाई कलां निवासी युवा किसान पुखराज चौधरी की धरना स्थल पर मौत पर ओसियां के पूर्व विधायक भैराराम सियोल ने मुख्यमंत्री को एक पत्र भेजकर मृतक किसान को शहीद का दर्जा देने की मांग की। मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में पूर्व विधायक सियोल ने बताया कि संवैधानिक व लोकतांत्रिक तरीके से पूरे जोधपुर जिले में पिछले 1 माह से अधिक समय से क्षेत्र के संपूर्ण किसान अपनी वाजिब मांगों को लेकर आंदोलनरत है।

किसानों हितों व हकों के नैतिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए युवा कृषक को जान गंवानी पड़ी। उसे शहीद का दर्जा दिया जाए। साथ ही परिवार में किसी एक आश्रित को राजकीय नौकरी व पारिवारिक स्थिति कमजोर होने के चलते आर्थिक पैकेज दिया जाए। सियोल एमडीएमएच भी पहुंचे।

सरकार संवेदनहीन,धरना स्थल पर युवा किसान की मृत्यु दुखद: बेनीवाल
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने जोधपुर जिले में चल रहे किसान आंदोलन के धरना स्थल पर ओसियां क्षेत्र के युवा छात्र नेता व किसान पुखराज डोगीयाल की मृत्यु पर शोक व्यक्त किया,उन्होंने कहा सरकार संवेदहीन हो गई और स्वयं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गृह जिले के किसानों के आंदोलन को लेकर मूक दर्शक बने हुए है। उन्होंने सरकार से मृतक के परिजनों की मांग के अनुसार आर्थिक पैकेज देने व अन्य परिलाभ देने की भी मांग की है।



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धरना स्थल पर मृतक को श्रद्धांजलि देते किसान।


source https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/news/student-leader-dies-due-to-heart-attack-in-kisan-agitation-post-coronation-positive-postponed-50-farmer-leaders-sued-127667048.html

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