मुख्य सड़कों पर ही दिखा लॉकडाउन का असर; अंदरूनी गलियों में घूमते रहे लोग, आज दो दिन बाद खुलेंगे बाजार

अगस्त माह के आखिरी लाॅकडाउन 30 अगस्त का दिन भी अव्यवस्थाओं में बीता। बाजार भले ही संपूर्ण बंद रहे लेकिन लाेगाें का आवागमन लगातार जारी रहा। लिहाजा सड़काें पर वाहन और लाेग दाेनाें बड़ी संख्या में आते-जाते देखे गए। राेडवेज, लाेक परिवहन और जिला मुख्यालय से चलने वाली अन्य निजी रूटाें की बसें भी सरपट सवारियां लेकर दाैड़ती रहीं। इस कारण ऑटाे और चाैपहिया-दुपहिया वाहनाें की मूवमेंट भी शनिवार की तरह ही बहुतायत में रही।

प्रशासनिक अमला नजर नहीं आया। केवल पुलिस चाैक चाैराहाें पर खड़ी बाहर घूम रहे लाेगाें से पूछताछ कर चालान काटने का डर दिखाकर घराें में रहने काे कह रही थी। जिला मजिस्ट्रेट के आदेश से दाे दिन का लाॅकडाउन आंशिक सफल रहा। व्यापारियाें ने आदेशाें के समर्थन में दाे दिन बाजार संपूर्ण रूप से बंद रखा। इसके बावजूद बाहर घूमने वालाें की संख्या कम नहीं हाे पाई।

चहल चाैक, शिव चाैक, महाराजा सूरजमल चाैराहा, सुखाड़िया सर्किल, बीरबल चाैक, मटका चाैक, भगतसिंह चाैक, काेडा चाैक, मल्टीपर्पज स्कूज के पास, काेढ़ियाें वाली पुलिया के पास पुलिस ने नाके लगाकर हर आने जाने वाले लाेगाें काे बाहर घूमने का कारण पूछा। संताेषजनक जवाब नहीं देने वालाें के वाहनाें के चालान काटे गए।

दिनभर में 400 से अधिक बसों के जरिए लगभग 6000 यात्री शहर में आए और इतने ही बाहर गए
यह लाॅकडाउन कहने काे ही जीराे माेबिलिटी है। हकीकत में बसाें के संचालन काे इससे छूट देकर आदेश विराेधाभासी हाे गए हैं। लाॅकडाउन लगाया इसी लिए गया है कि लाेग एक दूसरे के संपर्क में नहीं आएं और काेराेना की चेन टूट जाए। ताकि तेज गति से बढ़ रहे काेविड 19 मरीजाें के आंकड़ाें काे बढ़ने से राेका जा सके। लाेगाें की मूवमेंट कम करने काे बाजार ताे बंद करवा दिया लेकिन बसाें पर भी ताे लाेगाें का ही आना-जाना हाे रहा है।

राेडवेज की बसाें के अलावा शहर में लाेक परिवहन, निजी ट्रैवल एजेंसियाें की बड़े रूटाें की बसाें के अलावा जिला मुख्यालय से ग्रामीण रूट की करीब 400 बसें रविवार काे भी जिला मुख्यालय पर आईं और वापस गईं। एक बस में भी औसतन 30 सवारियाें के बैठने का अनुमान लगाएं ताे 6000 यात्री शहर में आए और इतने ही बाहर गए।

इसके अलावा इन बसाें के नियमित संचालन के लिए 800 का चालक/परिचालक का स्टाफ, इतना ही ऑफिस का स्टाफ घराें से निकला। इन सवारियाें काे अपने गंतव्य तक आसानी से पहुंचाने काे ऑटाे भी बाजार में दाैड़ते रहे। करीब 20 हजार लाेग सीधे-सीधे एक दूसरे के संपर्क में राेजाना आए। ऐसे में काेराेना की चेन कैसे टूट पाएगी, यह प्रशासन काे तय करना है।

लाॅकडाउन की बिलकुल पालना नहीं, लाेग घराें के बाहर बैठे करते रहे टाइम पास
बाजार भले ही बंद था लेकिन शहर के अंदरूनी हिस्से में लाॅकडाउन की पालना बिलकुल नहीं हाे पाई। ब्लाॅक एरिया और जवाहरगगर तथा इनके साथ लगती काॅलाेनियाें काे छाेड़कर बाहरी इलाकाें में लाेगाें की चहल-पहल गलियाें में राेजाना की तरह ही देखी गई। लाेग घराें के दरवाजाें पर बैठे टाइम पास करते रहे। बच्चे और बड़े गली में ही खेलते नजर आए। महिलाएं, बड़े और युवा गलियाें में बेझिझक घूमते देखे गए। पुलिस काे आता देखकर कुछ समय के लिए लाेग घराें में घुस गए लेकिन बाद में स्थिति वही रही।



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The impact of the lockdown was seen on the main roads only; People wandering in the inner streets, markets will open after two days today


source https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/sriganganagar/news/the-impact-of-the-lockdown-was-seen-on-the-main-roads-only-people-wandering-in-the-inner-streets-markets-will-open-after-two-days-today-127670239.html

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