शरद पूर्णिमा पर आसमान से बरसा अमृत, मलमास के संयोग से एक ही माह में दो पूर्णिमा
श्रद्धाभाव के साथ शुक्रवार काे शरद पूर्णिमा मनाई गई। मूनलाइट में खुले बर्तनों में खुले आसमान में खीर रखी गई। रात में भजन भाव भी हुए। मलमास के सहयोग से इस महीने दो पूर्णांकों का योग देखने को मिला। पहली पूर्णिमा एक अक्टूबर को थी और दूसरी शुक्रवार को। ज्योतिषाचार्य अमित जैन ने बताया कि शुक्रवार शाम 5:26 बजे शरद पूर्णिमा शुरू हुई, जो 31 अक्टूबर की रात 8:19 बजे तक रहेगी।
ऐसे में शुक्रवार को शरद पूर्णिमा महोत्सव और शनिवार को व्रत, स्नान, दान होंगे।
31 अक्टूबर से देव दिवाली के निमित्त दीपदान भी शुरू हो जाएगा। शरद पूर्णिमा पर इस बार अमृत व सर्वार्थसिद्धि योग होने के कारण लोगों ने खरीद-फरोख्त भी की। शरद पूर्णिमा को चंद्रमा को अर्घ्य देकर और पूजन कर खीर का भोग लगाया गया और रात में खुले आसमान में खुले बर्तन में खीर रखी गई। माना जाता है कि शरद पूर्णिमा की रात आसमान से अमृत वर्षा होती है।
ऐसे में खुले बर्तन में रखी गई खीर मन, मस्तिष्क और शरीर के लिए अत्यंत उपयोगी होती है। इससे घर में सुख, शांति और बीमारियों से छुटकारा मिलता है। यह भी माना जाता है पूर्णिमा की रात चंद्र किरणें इम्युनिटी के लिए फायदेमंद होती है।
केशवरायपाटन में कार्तिक पूर्णिमा का स्नान आज से
केशवरायपाटन. शरद पूर्णिमा पर भगवान केशवराय मंदिर में रात को विशेष पूजन किया गया। केशवराय भगवान का मनमोहक श्वेत वस्त्र में शृंगार धराया गया। रियासतकालीन परंपरा के तहत मंदिर के गर्भग्रह से भगवान की उत्सव प्रतिमा को परिसर में निकालकर मंदिर मुखिया शेषनारायण शर्मा व पुजारियों ने विशेष पूजन कर खीर का भोग लगाया।
इधर, चर्मण्यवती नदी में शनिवार से कार्तिक पूर्णिमा स्नान शुरू हो जाएंगे। केशवराय मंदिर मुखिया शर्मा ने बताया कि एक माह तक चलने वाले पवित्र स्नान का समापन कार्तिक पूर्णिमा के महास्नान के साथ होगा। कार्तिक पूर्णिमा महोत्सव पर चंबल तट पर लगने वाले ऐतिहासिक कार्तिक मेले को लेकर नगरपालिका प्रशासन स्पष्ट नहीं कर पाया। महास्नान पर देशभर से श्रद्धालु आते हैं।
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source https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/kota/bundi/news/amrit-rained-from-the-sky-on-sharad-purnima-coinciding-with-malmas-two-full-moon-in-the-same-month-127867405.html
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