युवा बने बच्चों के लिए उम्मीद की किरण, दे रहे निशुल्क शिक्षा
कोविड-19 के चलते क्षेत्र में पिछले 8 महीने बच्चे शिक्षा से वंचित हैं। आदिवासी इलाकों में पहले से ही शिक्षा के हालात खस्ता है। ऐसे में कोरोना संक्रमण के कारण बच्चे सब कुछ भूल गए हैं। गांव में ऐसा भी कोई नहीं है जो बच्चों को पढ़ाने का काम करे ताकि उनकी पढ़ाई में रुचि बनी रहे।
इन हालातों को देखते हुए दो युवा रवि किरण, असलम ने बीड़ा उठाते हुए बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने का कार्य शुरू किया। महुला फलां में दोनों युवा पिछले एक महीने से बच्चों को पढ़ा रहे है। तमिलनाडु निवासी रवि किरण पेशे से इंजीनियर है। कुछ समय कंपनी में काम करने के बाद उसे महसूस हुआ की बच्चों की शिक्षा पर काम करना चाहिए। इस पर वे क्षमता लय फाउंडेशन के साथ फैलो के रुप में जुड़े और 2 वर्ष गोगुंदा और कोटड़ा में बच्चों के साथ पढ़ने-पढ़ाने का काम किया। इस दौरान उनकी मुलाकात असलम से हुई जो उनके साथ ही फैलो थे। राजसमंद निवासी असलम ने सामाजिक कार्य में अधिस्नातक की हुई है। दोनों ने फैलोशिप पूर्ण करने के बाद उजाला फाउंडेशन से जुड़े और गांव में जाकर बच्चों को पढ़ाने का काम कर रहे है। दोनों ने बताया कि बच्चों को पढ़ाने के साथ ही स्थानी पढ़े लिखे युवाओं को भी तैयार कर रहे है। ताकि यह सिलसिला लगातार चलता रहे। वर्तमान में दोनों युवा महुवा फला में 10-10 बच्चों के समूह में कुल 40 बच्चों को पढ़ा रहे है। इस कार्य में स्थानीय लोग भी सहयोग कर रहे है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
source https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/udaipur/news/a-ray-of-hope-for-young-children-giving-free-education-127963599.html
Comments
Post a Comment