पुराने कोटा के भक्तों में सेवा व समर्पण का भाव ; नए कोटा में छात्र लगाते हैं ‘पास कराने की अर्जी
नए और पुराने कोटा के लोगों की ईश्वर में बराबर आस्था है। हालांकि दोनों इलाके के लोगों की आस्था के मायने अलग हैं। पुराने कोटा में पुष्टि संप्रदाय का मथुराधीशजी मंदिर है। इन पर पूरे शहर की आस्था है। देशभर से पुष्टि संप्रदाय से जुड़े लोग यहां आते हैं। मथुराधीशजी की आस्था का मतलब सेवा और पूर्ण समर्पण है। यहां सांसारिकता से मुक्ति का भाव रहता है।
राधाकृष्ण से कॅरिअर बनाने की चाह
वहीं नए कोटा के तलवंडी में स्थित राधाकृष्ण मंदिर के भक्तों के लिए आस्था के मायने अलग हैं। यहां अधिकतर कोचिंग स्टूडेंट्स आते हैं। देशभर से आने वाले ये स्टूडेंट्स कॅरियर बनाने के लिए कोटा आते हैं। कोटा से ही इनकी सफलता की राह बनती है। अधिकतर स्टूडेंट्स प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए यहां दीवार पर लिखकर मन्नत मांगते हैं। मंदिर की दीवारें ऐसी मन्नतों से भरी पड़ी हैं।
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source https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/kota/news/a-sense-of-service-and-dedication-among-the-devotees-of-the-old-kota-students-apply-for-new-quota-128070882.html
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