साढ़े पंद्रह साल की गर्भवती पीड़िता ने गर्भपात की अनुमति के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया
पीपाड़ के एक गांव की साढ़े पंद्रह साल की लड़की को उसके बड़े पापा (ताऊ) का ही 25 साल का बेटा बहला-फुसलाकर तेलंगाना लेकर चला गया। वहां एक मंदिर में उससे शादी भी रचा ली। जो कानूनन शून्य है। पुलिस ने जब दोनों को तेलगांना से दस्तयाब किया और नाबालिग की मेडिकल जांच हुई तो वह साढ़े पांच महीने की गर्भवती निकली।
अब नाबालिग गर्भवती पीड़िता ने गर्भपात करवाने की अनुमति के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। हालांकि हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ में सर्दियों का अवकाश चल रहा है, इसके बावजूद मामले की गंभीरता व नाबालिग लड़की के भविष्य को देखते हुए जस्टिस संदीप मेहता की विशेष एकलपीठ का गठन किया। जस्टिस मेहता ने मंगलवार को वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग से सुनवाई कर उसके वकील के जरिए नाबालिग का पक्ष जाना। कोर्ट ने एमडीएम अस्पताल के अधीक्षक को मेडिकल बोर्ड का गठन कर 31 दिसंबर को मेडिकल रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए।
नाबालिग पीड़िता को गत 5 जनवरी को उसके ही ताऊ का बेटा लेकर अपने साथ तेलंगाना लेकर चला गया। अगले दिन पीड़िता के पिता ने पीपाड़ थाने में अपहरण का मुकदमा दर्ज करवा दिया। आरोपी ने नाबालिग पीड़िता को तेलंगाना के एक गांव में मंदिर में शादी रचा पत्नी के रूप में उसे रखा और उससे शारीरिक संबंध भी स्थापित कर लिए। पुलिस ने गत 17 दिसंबर को आरोपी व पीड़िता को दस्तयाब कर लिया और मजिस्ट्रेट के समक्ष पीड़िता के बयान करवाए। इसके बाद पुलिस ने उसकी मेडिकल जांच करवाई तो वह गर्भवती निकली, उसके 21 सप्ताह का गर्भ था।
उसके द्वारा माता-पिता के साथ जाने से इनकार करने पर उसे बालिका गृह जोधपुर भेजा गया। इस दरम्यान उसके पापा और भाई उससे मिले तो उसने अपहरण के बाद उसके साथ हुए यौन दुराचार की पूरी घटना बताई। उसने फिर पापा के साथ रहने और अनचाहे गर्भ के गर्भपात की अनुमति के लिए विधिक कार्यवाही की इच्छा जताई।
जस्टिस मेहता ने सुबह दस बजे वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिए पिटीशन पर सुनवाई की और सरकार के नोटिस एएजी पंकज शर्मा को दिए गए और उन्हें सुनवाई में शामिल होने के आदेश दिए। पीड़िता का मेडिकल परीक्षण करने के लिए एमडीएमएच अधीक्षक को मेडिकल बोर्ड गठित करने के आदेश दिए।
मेडिकल बोर्ड की जांच रिपोर्ट 31 दिसंबर को होने वाली सुनवाई को पेश करने के लिए कहा। इस दिन नाबालिग पीड़िता को भी उपस्थित रहने के लिए कहा गया है। एमडीएम अस्पताल में बुधवार को पीड़िता का मेडिकल परीक्षण होने की संभावना है।
बारह वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता के मां बनने के मामले में बाल संरक्षण आयोग ने लिया प्रसंज्ञान, तथ्यात्मक रिपोर्ट मंगाई
जोधपुर। जोधपुर जिले के खेड़ापा थाना क्षेत्र की महज 12 वर्षीय पीड़िता के दुष्कर्म के बाद मां बनने के मामले में राजस्थान राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने प्रसंज्ञान लिया। उन्होंने इस मामले में पुलिस प्रशासन को संपूर्ण कार्यवाही कर तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए।‘12 साल की बच्ची मां बनी, पड़ोसी दो बच्चों का पिता एक साल से कर रहा था शोषण’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित होने पर उसे आयोग ने गंभीरता से लिया। आयोग अध्यक्ष बेनीवाल ने बताया कि हृदय विचलित करने वाले इस प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सिविल राइट्स) जयपुर, पुलिस महानिरीक्षक जोधपुर, जिला पुलिस अधीक्षक ग्रामीण को मामले में त्वरित संपूर्ण कार्यवाही कर तथ्यात्मक रिपोर्ट से आयोग को अवगत कराने के लिए निर्देश दिए हैं।
बाल कल्याण समिति जोधपुर के अध्यक्ष को मामले की संपूर्ण जांच कर तथ्यात्मक जांच प्रतिवेदन से आयोग को अवगत कराने के लिए भी लिखा गया है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जोधपुर के अध्यक्ष को मासूम पीड़िता को पीड़ित प्रतिकर स्कीम के तहत नियमानुसार तुरंत प्रतिकर दिलवाने के लिए भी पत्र लिखा गया है। आयोग की अध्यक्ष ने बताया कि आयोग बालकों के अधिकारों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए पूर्णतया प्रतिबद्ध है। भविष्य में बच्चों से इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो, इसके लिए आयोग प्रयासरत है।
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source https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/jodhpur/news/fifteen-and-a-half-year-old-pregnant-victim-approached-the-high-court-to-allow-abortion-128067917.html
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